नीला आसमान
Wednesday, June 25, 2008
मैं बताना चाहता हू.
कुछ अल्फ़ाज़ खुदा से उधार चाहता हू
फिर तुझे कुछ आज, मैं बताना चाहता हू..
तुम मुझसे रूठा करो इस तरह
मैं तुम्हे हर बार मनाना चाहता हू...
तुम दूर होकर भी दूर नही लगते
क्यू मैं खुद को ये बताना चाहता हू...
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